तोहफा
न सोच तू ये तोहफा कहाँ से आया होगा !
मैं परेशां रात सारी था
सौ सवालों का क्या जवाब आया होगा !
इसकी कीमत ने जरुर तुझे लजाया होगा !
कैसे महफ़िल में तूने इसे अंग लगाया होगा !
खता बख्स दे मेरी ,
जो तुझे आज कान्हा सा रुलाया होगा !
और इस सबब का ये पैगाम पाया होगा !
क्यूँ नहीं सुदामा घर से द्वारिका आया होगा !
अब आगे पड़ने की ये शर्त होगी
मेरी कोयल को आज फिर गाना होगा !
किसी को किसी को गले लगाना होगा !
फिर न कोई बहाना होगा !
सभी को ये गीत गाना होगा !
ये घडी ये साल मुबारक ,तुझको तेरा ये त्योहार मुबारक !!!
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