Friday 19 April 2013

तोहफा

तोहफा 

न सोच तू ये तोहफा कहाँ से आया होगा !
मैं परेशां रात सारी था 
सौ सवालों का क्या जवाब आया होगा !

इसकी कीमत ने जरुर तुझे लजाया होगा !
कैसे महफ़िल में तूने इसे अंग लगाया होगा !

खता बख्स दे मेरी ,
जो तुझे आज कान्हा सा रुलाया होगा !

और इस सबब का ये पैगाम पाया होगा !
क्यूँ नहीं सुदामा घर से द्वारिका आया होगा !

अब आगे पड़ने की ये शर्त होगी 
मेरी कोयल को आज फिर गाना होगा !

किसी को किसी को गले लगाना होगा !
 फिर न कोई बहाना होगा !

सभी को ये गीत गाना होगा !
ये घडी ये साल मुबारक ,तुझको तेरा ये त्योहार मुबारक !!!

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