Wednesday 17 July 2013

मुकम्मल


जो  मुकम्मल मेरी बस ये दुआ हो जाए ,

मेरे घर का पता उसका अपना हो जाए ..!

झोड़ दूंगा खुदा मैं तुझको सताना भी .....

फिर क्यूँ न सजदे में तेरे मेरी जां फना हो जाए !!


Saturday 22 June 2013

मेहरबानी



उसने कम से कम इतनी तो मेहरबानी रखी ,
नहीं पास मेरे अपनी कोई ....निशानी रखी !!

मैंने भी उसको सब सामान लौटा दिया ........,
बस हाथ में बंधी एक ताबीज पुरानी ....रखी !!

तुम जमानत में मेरे हिस्से की जिंदगी रख लेना ,
मैं वफ़ा चाहता हूँ शर्त बस यही जुबानी रखी !!

बदनाम ये नाम मोहब्बत में क्यूँ शामिल न हो,
क्या वजह थी जो गांधारी ने आंख कानी रखी !!

लो देख लो कुमार के सितारे भी फलक पे आ गए ,
जो माँ ने सर पे मेरे दुआओं की कमानी रखी !!
                                                                               कुमार विकास

Monday 20 May 2013

बंजर

पेश ए खिदमत है ...
मेरी झुन्झुलाहाटों  का ये अजीब मंजर था !
मेरे दिल पे  मेरा अपना ही  खंजर  था !

जिन दरख्तों से रोशन था मेरा बागीचा ..
मैं उनसे फासला करके मुड़ा तो सब बंजर था !

दरख्तों= पेड़ (tree)
                              कुमार  विकास ......



Saturday 27 April 2013

दोष

दोष ....

बेवजू तारीख को कोसने की ये फरमाइश अच्छी नहीं !
बाइबिल  गीता  वेद  पुराण की  पैमाइश अच्छी नहीं !!

घटी कहीं भी हो नापाक हरकत की खिलाफत होनी चाहिए !
एक पश्चिमी क्रॉस के निशान की नुमाइश अच्छी नहीं !!

जुर्म इन्सान करता है कसौटी पे आदम की जात होनी चाहिए !
पाक पावन कुरान पे जोर आजमाइश अच्छी नहीं !!
                                                                                 कुमार विकास ...

Friday 19 April 2013

तोहफा

तोहफा 

न सोच तू ये तोहफा कहाँ से आया होगा !
मैं परेशां रात सारी था 
सौ सवालों का क्या जवाब आया होगा !

इसकी कीमत ने जरुर तुझे लजाया होगा !
कैसे महफ़िल में तूने इसे अंग लगाया होगा !

खता बख्स दे मेरी ,
जो तुझे आज कान्हा सा रुलाया होगा !

और इस सबब का ये पैगाम पाया होगा !
क्यूँ नहीं सुदामा घर से द्वारिका आया होगा !

अब आगे पड़ने की ये शर्त होगी 
मेरी कोयल को आज फिर गाना होगा !

किसी को किसी को गले लगाना होगा !
 फिर न कोई बहाना होगा !

सभी को ये गीत गाना होगा !
ये घडी ये साल मुबारक ,तुझको तेरा ये त्योहार मुबारक !!!

Thursday 14 March 2013

हालात ए मुल्क

हालात ए मुल्क 

कल  के  आतंकी  हमले  में  पांच  जवान  शहीद  हुए  और  दस  जवान  अस्पताल  में  जिन्दगी  और  मौत  के  बीच  अपनी  जंग  लड़  रहें  हैं   पर कोई  बात  नहीं  हम  और  हमारे  सियासी  शेर  महफूज  हैं !
आज   श्रधान्जली के  साथ  अपना  आगोश  भी  .......

मेरे सब फैसले मेरी ही खिलाफत करते हैं !
हम जो यहाँ सच की वकालत करते हैं!!!!!!

कुमार तेरे मुल्क में सब यूँ ही मरते रहेंगे !
ये सियासत के मुर्दे हैं ये कहाँ बगावत करते हैं !

                                                                          कुमार  विकास !     

Sunday 10 February 2013

राही की तलाश में ;


राही की तलाश में ;
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गर जाना ही है तुझको तो फिर आती क्यूँ  है
रहने दे प्यासा मुझको गले लगाती क्यूँ  है ;

रहती तू अपने आँगन याद मुझको आती क्यूँ  है
ले ले तू जान मेरी  इतना तडपाती क्यूँ  है ;

है रंज तुझे  हम रोज़ नजर नहीं आते
और  आते हैं तो नजर बचाती क्यूँ है ;

ख्वाइशें तेरी यूँ तो सब मुकम्मल होती हैं
तू सजदे में सर फिर झुकाती क्यूँ है;

मैं जब भी खोना चाहूँ खुद की तलाश में ;
तू  मुझको अपना पता बताती क्यूं  है ;.....

कुमार  विकास
                                         
(ये मेरी मौलिक रचना है )…।