Sunday 11 February 2024

बाद मुद्दत के , बड़ी सिद्दत से।
ये हम जो कुछ भी मांग बैठे।।

यकीन था हमको आरजू पर।
वो इन्कार की जिद ठान बैठे।।


No comments:

Post a Comment